महावीर मन्दिर, पटना में रामनवमी की व्यवस्था
श्रीरामनवमी का पावन पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के शुभ जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पूरे देश में अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी के बाद रामनवमी के दिन महावीर मन्दिर पटना में श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक होती है इस एक दिन श्रद्धालुओं की संख्या तीन से पाँच लाख तक हो जाती है। इस वर्ष महावीर मन्दिर में रामनवमी 28 मार्च, 2015 को मनायी जायेगी। इस वर्ष रामनवमी शनिवार के दिन पड़ रही है, अतः स्वाभाविक रूप से अन्य वर्षों की अपेक्षा भीड़ बढने की संभावना है।
इस वर्ष पुलिस प्रशासन के अतिरिक्त निजी सुरक्षा-कर्मियों के लगभग 500 जवानों को इस कार्य पर लगाया गया है फिर भी इसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। फिर भी महावीर मन्दिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है, इसका सारांश नीचे दिया जा रहा है-
मन्दिर का पट्ट 2 बजे भोर में खोल दिया जायेगा और 12 बजे रात्रि तक पूरे 22 घंटा खुला रहेगा।
महावीर मन्दिर में जो प्रसाद, माला आदि चढ़ाना चाहते हैं, उन्हें पंक्तिबद्ध होकर उत्तरी द्वार से प्रवेश करना होगा। मन्दिर के उत्तरी द्वार से जी.पी.ओ. गोलम्बर तक घेराबंदी कर छाया की व्यवस्था की गयी है। इसमें दो कतारें एक पुरुषों के लिए तथा दूसरी महिलाओं के लिए बनायी गयी है। जी. पी. ओ. गोलम्बर के बाद यह पंक्ति सीधे पश्चिम दिशा में आर. ब्लाक चैराहा की ओर जायेगी। पंक्ति की लम्बाई अधिक हो जाने के कारण भक्तों से आग्रह है वे स्वविवेक से पंक्तिबद्ध होकर आयें। हमलोग जी.पी.ओ. गोलम्बर के पास का पार्क पंक्तिबद्ध होने के आरम्भ-स्थल के रूप में लेना चाह रहे हैं। जब यह सुनिश्चित हो जायेगा तब भक्तों को सूचना दी जायेगी।
केवल दर्शन करनेवाले भक्तों के लिए (जिनके पास प्रसाद या माला नहीं होगी) 7 बजे प्रातः से दर्शन सुलभ होगा। वे पूर्वी प्रवेश द्वार से पंक्तिबद्ध होकर परिसर में प्रवेश करेंगे।
प्रत्येक वर्ष की तरह मन्दिर प्रबन्धन के द्वारा मन्दिर के उत्तरी द्वार से जी.पी.ओ. गोलम्बर तक गर्मी से बचाव के लिए छाया की व्यवस्था की गयी है। पुरुषों एवं महिलाओं की अलग-अलग समानान्तर पंक्तियाँ जी. पी. ओ. तक जायेगी। उनकी सुविधा के लिए जी.पी.ओ. गोलम्बर तक पण्डाल बनाये गये हैं, जिसमें पंखे भी लगे रहेगें। शरबत एवं पानी की व्यवस्था जगह जगह पर यथेष्ट रूप से की गयी है।
पण्डाल के अन्दर क्लोज सर्किट टी.वी. पर मन्दिर के भीतर का दृश्य दिखाई पड़ेगा, जिसस पंक्तिबद्ध हुए भक्तों को विग्रह के दर्शन के साथ-साथ पंक्ति की त्वरित गति का आभास होता रहेगा। ऐसे 10 टी.वी. सेट और प्रोजेक्टर लगाये गये हैं।
भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त 10 पुजारी अयोध्या से बुलाये गये हैं। मन्दिर में उस दिन चार पुजारी प्रसाद चढ़ाने के लिए सदैव उपस्थित रहेंगे।
जो भक्त हनुमानजी का दर्शन कर भू-तल से ही वापस जाना चाहेंगे, वे पूर्वी निकास द्वारा से बाहर निकलेंगे। जो भक्त द्वितीय एवं तृतीय तल पर जायेंगे, उन्हें ऊपर से नीचे जाने के लिए दक्षिण की ओर राम-जानकी मन्दिर के ऊपर से सीढ़ी से उतर कर स्टेशन की ओर बाहर निकलने की सुविधा होगी।
मन्दिर की ओर से स्वयंसेवक, सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को पंक्तिबद्ध होने तथा पंक्ति को सुव्यवस्थित करने के लिए तैनात किये गये हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय पुलिस प्रशासन की भी व्यवस्था की गयी है। मन्दिर-परिसर के बाहर दो प्राथमिक उपचार केन्द्र एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था है, ताकि श्रान्त, क्लान्त भक्त को तुरत राहत दी जा सके।
नैवेद्यम् लड्डू की बिक्री हेतु मध्य-रात्रि से 8 काउन्टर बाहर लगाये जायेंगे। मन्दिर के भीतर का स्थायी काउन्टर उस दिन तब तक बन्द रहेगा, जबतक भक्तों की कतार मन्दिर के बाहर रहेगी। फिर भी सन्ध्या में मन्दिर के भीतर का नैवेद्यम् काउण्टर खुलने की संभावना है।
मन्दिर में दिन के 12 बजे से श्रीरामजी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। इस पूजा के बाद तीनों ध्वज बदले जाएंगे। इसके बाद जन्मोत्सव आरती होगी, उसके बाद इस अवसर पर निर्मित विशिष्ट ‘रोट-प्रसाद का वितरण होगा। 11 बजे वाली नियमित मध्याह्न आरती ध्वज-पूजन की समाप्ति पर होगी।
जो जुलूस लेकर मन्दिर में सन्ध्या के समय आते हैं उनसे आग्रह है कि वे 7 बजे सन्ध्या से 9 बजे के बीच न आवें, क्योंकि यह आरती का मुख्य समय है।
व्यक्तिगत रूप से हनुमानजी के ध्वज की पूजा करने की अनुमति नहीं दी गयी है। यदि बहुत आवश्यक हो तो वे मन्दिर कार्यालय में दिनांक 27 मार्च की सन्ध्या तक ध्वज-पूजन के लिए शुल्क जमा कर सकते हैं। रामनवमी के दिन सत्यनारायण भगवान् की पूजा मन्दिर में करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
रामचरितमानस का नवाह पाठ जो कलश-स्थापना के साथ दिनांक 21-03-2015 को प्रारम्भ हुआ रामनवमी के दिन समाप्त हो जाएगा और रात्रि 9.00 में हवन के साथ समापन होगा।
मन्दिर की ओर से भक्तों की सुविधा के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। भक्तों से अनुराध है कि व्यवस्था में पूर्ववत् सहयोग करते रहें।
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